दिब्य दरस 20:12 - Garhwali12 तब मिन राजगद्दी का समणि छुटा-बड़ा सब मुरयां लोगु तैं खड़ु होयुं देखि, अर किताब खुलै गैनी अर वेका बाद एक और किताब खुलै गै ज्वा कि जीवन की किताब च। अर यों किताबों मा लिखी बातों का मुताबिक ही, सब मुरयां लोगु को न्याय ऊंका कामों का मुताबिक किये गै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम12-13 अर मिल मुरयां लुखुं तैं वे सिंहासन का संमणी खड़ा दिखिनि, मतलब कि जु जरूरी च। उ लोग जु समुद्र मा डूबी कै मोरि गैनी, अर कब्रों म का सभि मुरयां लोग, अर उ सभि लोग जु मोरि के अधोलोक मा छा, उ सभि वे सिंहासन का संमणी खड़ा हवीनि। उ किताब (चाम्रपत्र) खुलै गै जै मा ऊं लुखुं को नौं लिख्यां छा जै मा उ जीवन छो जैको कुई अंत नि च। उ किताब भि खुलै गै जै मा लुखुं ल जु-जु कैरी छो उ लिखै गै छो, अर हर एक ल जु कुछ कैरी छो वेका अनुसार ऊंको जांच के न्याय किये गै, जु वीं किताब मा लिख्युं छो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
इलै जबरि तक न्याय को बगत नि ऐ जान्दु, तबरि तक कै का दगड़ा मा कुई गळत काम नि कैरा। अर जब हमरु प्रभु यीशु आलु, त उई ईं बात को न्याय करलु, अर लोगु तैं ऊंका भला-बुरा कामों का बारा मा बतालु, जु ऊंन लुकि-छिपी के करिनी। अर उ इन भि बतालु, कि ऊंका मनों मा क्या च। तब पिता परमेस्वर ऊं लोगु की तारीफ करलु, जु वेका काम खुणि वफादार छिन।
अर जब देस-देस का लोग तुम से गुस्सा ह्वेनि, त तुमरो परकोप ऊं पर भड़की गै। अर अब वु बगत ऐ गै जब तुम मुरयां लोगु को न्याय करिल्या, अर अब तुमरा सेवकों, रैबर्यों, अर सब पवित्र लोगु, अर जथगा भि लोग तुमरा नौ पर सरदा रखदिन ऊं सब सेवकों तैं इनाम दिये जालु, चै वु छुटा हो या बड़ा, मगर जौं लोगु न धरती तैं बरबाद कैरी तुम ऊंतैं खतम कैरी दिल्या।”
अर जु दैंत तिन देखि, पैलि उ ज्यून्द छौ पर अब वु मोरि गै, मगर उ फिर से ज्यून्द ह्वेके अधलोक बटि निकळि के आलु, अर वेको नास फिर से ह्वे जालु। अर धरती पर रौण वळा जौं लोगु का नौ दुनियां की शुरुवात बटि जीवन की किताब मा नि लिख्यां छिन, वु सब लोग वे दैंत का दगड़ा मा जु कुछ भि ह्वे देखि के बड़ु ताजुब करला।