अर उ वचन सरील का रुप मा मनखियों का बीच मा ऐ। अर हम पर भरपूर किरपा कैरिके अर परमेस्वर की पूरि सच्चै हमतै बतै के हमरा बीच मा रै। अर वेकी महानता तैं हमुन देखि। अर पिता परमेस्वर न वेतैं बिजांम महान बणै, किलैकि उ वेको इकलौतु पुत्र च।
हे मेरा भै-बैंणो, हम ईं चिठ्ठी मा तुम खुणि वे जीवन का वचन का बारा मा लिखणा छां, जु कि दुनियां की शुरुवात बटि छौ। अर हमुन वेतैं देखि, बल्किन मा बड़ा ध्यान से देखि अर वेकी बातों तैं सुणी, अर अपणा हाथोंळ हमुन वेतैं छ्वी भि च। अर हम तुमतै वे वचन का बारा मा बतौणा छां जु कि जीवन देण वळु च।
तब नगर का भैर अंगूरों का गुच्छों तैं रसकुण्ड मा निचौणे गै। अरे सुणा, वे रसकुण्ड बटि इथगा ल्वे निकळि कि यू घोड़ो की लगाम तक ऐ गै। अर करीब तीन सौ किलोमीटर लम्बी गाड बोगि।