दिब्य दरस 17:15 - Garhwali15 तब वे स्वर्गदूत न मिकू बोलि, “जु पाणि तिन देखि जख वा वेश्या बैठि च वांको मतलब, लोगु की भीड़, जाति, गोत्र, अर भाषाओं से च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम15 स्वर्गदूत ल भि मि बट्टी यु भि बोलि; “जु पांणी तिल पैली भि देखि छो, ज्यां पर व वेश्या जनन बैठी छै, लोग, जातियों, देश अर भाषाओं तैं बतौंदींनि, कई देश का लुखुं तैं अर कई ढंग की भाषाओं तैं बुल्ण वला छिनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर ऊ एक नयू गीत गाण लगि गैनी ऊंन बोलि कि, “हे हमरा मालिक हे हमरा प्रभु पिता, दस्तावेज तैं लेण का लगीं मोरों तैं खुलण का काबिल छाँ तुम यीशु बलिदान सिरफ तुम होयां। तुमुन ही हरेक गोत्र का, जाति हरेक भाषा का, देस-देस का लोगु तैं, ल्वे से अपणा खरीदी च, तुमुन ही ऊं लोगु तैं बणै एक पुरोहित च, पिता परमेस्वर खुणि राज्य एक बणयूं च राज करला वु सभि, औण वळी धरती मा।”