दिब्य दरस 14:11 - Garhwali11 अर ऊंका तड़पये जाण को धुंवा हमेसा-हमेसा तक उठणु रालु। अर जु लोग वे दैंत या वेकी मूरत की पूजा करदिन अर वेका नौ की छाप तैं स्वीकार करदिन ऊंतैं दिन-रात चैन नि मिललु।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम11 आग को धुंआ जु ऊं तैं यातना दयालो उ हमेशा कु आसमान मा उडणु रालो। यु लोग जु जानवर की अर वे मूर्ति की आराधना करदींनि, जु जानवर तैं दर्शादी, अर उ जु जानवर का नौं की छाप लिदींनि, ऊं तैं वीं पिड़ा बट्टी न दिन न रात चैन मिललो।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |