दिब्य दरस 13:17 - Garhwali17 अर जैमा वु चिन्न नि होलु वु कुछ भि लेण-देण नि कैरी सकदु यू चिन्न समुन्दर वळा दैंत का नौ, अर वेका नौ की संख्या च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम17 भस उ ही जौं पर य छाप छै कुछ खरीद या बेचि सकदा छा। उ छाप पैला जानवर का नौं की छै अर संख्या तैं बतांण वली छै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तब मिन राजगद्दी देखि अर ऊं लोग की आत्माओं तैं भि देखि जु कि राजगद्दी पर बैठयां छा, जौं का मुण्ड़ यीशु की गवै देण अर परमेस्वर का वचन तैं बतौण की वजै से कटै गै छौ। अर यू वु आत्मा छिन जौं तैं परमेस्वर न न्याय करण को अधिकार दिनी। अर यों न नऽ त दैंत की, अर ना ही वेकी मूरत की पूजा कैरी, अर ना ही अपणा माथा या हाथ पर वेकी मोर लगवै, वु सब ज्यून्दा ह्वे गैनी, अर ऊंन राजा बणि के मसीह का दगड़ा मा एक हजार साल तक राज कैरी।