27 पर यीशु न वेकू हाथ पकड़ी के वेतैं उठे, अर उ खड़ु ह्वे गै।
27 पर यीशु ल वेको हथ पकड़ी के वे तैं उठै अर उ खड़ो हवे गै।
पर जब भीड़ तैं भैर निकळे गै, तब यीशु भितर गै। अर वेन नौनि को हाथ पकड़ी, अर नौनि ज्यून्द ह्वेके उठी गै।
अर यीशु न वींका पास ऐके वींको हाथ पकड़ी के उठे, अर वींको जौर उतरि गै, तब वा ऊंकी सेवा-भगत करण लगि गै।
अर यीशु तैं वे पर बड़ु तरस ऐ अर वेन अपणा हाथ तैं अगनै बढै के वेतैं छ्वी अर बोलि, “हाँ, मि चान्दु छौं कि तू शुद्ध ह्वे जा।”
अर यीशु न वीं नौनि को हाथ पकड़ी के बोलि, “तलीता, कूमी” ज्यां को मतलब च कि “हे छुटी नौनि, मि त्वेकू बोन्नु छौं, उठ।”
अर यीशु वे अन्धा मनखि को हाथ पकड़ी के नगर बटि भैर लि गै, अर वेकी आंख्यों मा थूकि के वे पर हाथ रखी, अर वे बटि पूछी, “क्या त्वेतै कुछ दिखणु च?”
तब उ चिल्लै के अर वे नौना तैं भौत जादा मरोड़ि के वेमा बटि निकळि गै, अर वु नौनु इन ह्वे गै जन कि वेका पराण वेमा बटि निकळि गै हो। अर यू देखि के भौत सा लोग इन बोन्न लगि गैनी कि, “अरे, यू त मोरि गै।”
अर जब यीशु अर वेका चेला एक घौर मा पौंछिनी, त ऊंन अकेला मा वेसे पूछी, “गुरुजी, हमुन वे खबेस तैं किलै नि निकळि सैकी।”
तब सेनापति न वे ज्वान नौना को हाथ पकड़ी अर अलग मा लि जैके वेतैं पूछी, “तू मितैं क्या बतौण चाणि छैई?”
तब पतरस न वेकू दैंणु हाथ पकड़ी अर वेतैं उठे, अर तुरन्त वेका खुटों अर घुंडो मा ताकत ऐ गै।
अर पतरस न अपणु हाथ देके तबीता तैं खड़ु उठे, तब वेन बिस्वासी लोगु अर ऊं विधवा जनानियों तैं बुलै, अर ऊं सभ्यों न वींतैं ज्यून्द देखि।