ताकि पवित्रशास्त्र की वा बात पूरि हो ज्वा की इन च कि, “वु लोग देखि के भि देखि नि सैका, अर सुणी के भि समझि नि सैका, कखि इन नि हो कि वु अपणा पापों बटि पस्ताप कैरा, अर ऊंतैं माफी दिये जौ।”
“वेन ऊंका आंख्यों तैं अन्धु अर मन तैं निठुर कैरियाली, ताकि वु आंख्यों बटि ना देखा अर ना ही मन बटि समझा। अगर ऊंन देखियाली अर समझियालि अर अपणा मन से पस्ताप कैरियाली, त कखि इन ना हो कि मि ऊंतैं खूब कैरी द्यूं।”
अर ऊं लोगु खुणि पवित्रशास्त्र मा इन लिख्यूं च कि, “परमेस्वर न आज का दिन तक ऊंतैं एक सुस्त मन दियूं च, ताकि वु समझि नि सैका। अर वेन ऊंका आंखा अर कन्दूड़ बन्द कर्यां छिन, ताकि वु दिखण का बाद भि देखि नि सैका, अर सुनण का बाद भि सुणी नि सैका।”