39 तब यीशु न ऊंतैं आज्ञा दिनी, कि सभ्यों तैं हरीं घास मा अलग-अलग कतार मा बैठे द्या।
39 तब यीशु ल ऊं सभियूं तैं हरयां घास का झुण्डों मा बांटि कै बैठण कु बोलि।
मगर बिस्वासी समुदाय का बीच मा सब बात ठिक ढंगल अर अच्छी तरौं से किये जौ।
किलैकि परमेस्वर गड़बड़ी कन वळु परमेस्वर नि च, बल्किन मा शान्ति को परमेस्वर च। जन कि पवित्र लोगु का समुदाय मा भि होन्दु,
तब यीशु न लोगु तैं भ्वीं मा बैठणे की आज्ञा दिनी।
अर वेन ऊंकू बोलि, “जैके, देखा तुमरा पास कथगा रुट्टी छिन?” अर इन पता करण का बाद ऊंन यीशु कू बोलि, “गुरुजी, पांच रुट्टी अर दुई ही माछा छिन।”
तब भीड़ का लोग सौ-सौ अर पचास-पचास की कतार मा बैठि गैनी।
तब यीशु न चेलों कू बोलि, “ऊंतैं पचास-पचास की पांत मा खाणु खुणि बैठे द्या।” अर ऊं लोगु मा केवल बैख ही लगभग पांच हजार छा।
तब यीशु न बोलि, “यों सभि लोगु तैं भ्वीं मा बैठे द्या।” अर उख भौत घास छै, इलै ऊ सभि लोग वीं जगा बैठि गैनी। अर ऊं लोगु मा केवल बैख ही लगभग पांच हजार छा।