मरकुस 4:17 - Garhwali17 मगर बिस्वास मा जड़ नि होण की वजै से वु कुछ बगत तक ही बिस्वास मा बणयां रौनदिन। इलै वचन की वजै से जब कुई दुख-तकलीफ या कुई सतौ ऊंका जीवन मा औन्दिन, त वु लोग बिस्वास करण छोड़ि देन्दिन। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम17 पर यु अपड़ा भितर दिल मा परमेश्वर का वचन तैं जौड़ा बट्टी पकड़ण नि दींदीनी एलै वचन कुछ ही दिनों कु रांदो यांका बाद जब ऊं पर क्लेश या बिपदा औंदि त तब उ तुरंत छोड़ी दींदिनि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर जब पैलि दौं रोम देस मा मेरु न्याय करण खुणि मितैं कचैरी मा खड़ु किये गै छौ, त मितैं बचौणु खुणि कैन भि गवै नि देई, किलैकि सब लोग मितैं छोड़ के चलि गै छा। मगर फिर भि मेरु प्रभु मेरा दगड़ा मा छौ अर वेन मितैं ताकत देई, ताकि मि शुभ समाचार का परचार तैं पूरु कैर सैकु, अर जु लोग यहूदी जाति का नि छिन ऊं सभ्यों तैं शुभ समाचार सुणो। अर परमेस्वर न मितैं मौत का गिच्चा बटि बचै, अर मि इन प्रार्थना करदु कि जु लोग मितैं छोड़ि के चलि गै छा, परमेस्वर ऊंतैं माफ कैरो।