अर उख एक आदिम छौ, जैको एक हाथ सुक्यूं छौ। अर उख कुछ लोगु न यीशु पर दोष लगौणु का खातिर वेसे पूछी, “गुरुजी, सब्त का दिन पर कै मनखि तैं हमरा नियम-कानूनों का मुताबिक खूब करण ठिक च या नि च?”
इलै जादातर भै-बैंणो न जब यू सुणी कि मि कैद मा छौं त वु डौऽरी नि छिन, बल्किन मा ऊंन अपणु बिस्वास प्रभु यीशु पर बणै के रखदिन, अर बड़ी हिम्मतळ परमेस्वर का वचन को परचार करदिन।
अर हम जणदा छाँ, कि यीशु मसीह न अपणा सरील मा दुख तैं झेली, इलै हमतै भि वेका जन ही विचार रखण चयेणा, अर हरेक दुख तैं झिलणु खुणि तयार रौण चयेणु, किलैकि जैन शरीर मा दुख झेली उ पाप करण छोड़ि देन्दु।