36 कखि इन ना हो कि वु अचानक ऐ जौ, अर तुमतै सियूं देखो।
36 देखा इन नि हो कि उ अचानक ऐ जौं अर तुम तैं सियूं देखु।
अर जब ब्यौला का औण मा देर ह्वे गै, त ऊ सभ्यों तैं निन्दया टोळा औण लगि गैनी अर वु सै गैनी।
फिर यीशु ऊं तीनों का पास ऐ अर ऊंतैं सियूं देखि के वेन शमौन पतरस कू बोलि, “शमौन तू सिंणी छैई, क्या तू मि खुणि एक घन्टा भि बिज्युं नि रै सैकी?
अर कुछ देर बाद उ दुबरा ऊं तीनों का पास ऐ अर ऊंतैं फिर से सियूं देखि, किलैकि ऊंका आंख्यों मा निन्द बौळीं छै, अर चेला नि जणदा छा कि वेतैं क्या जबाब देण।
इलै चौकस रा, कखि तुम भि दुनियां का भोग-बिलास मा, दरोळया होण मा, अर जीवन की चिन्ता-फिकर कैरिके अपणा मन तैं यों बातों का भार से दबै नि द्या। अर वु दिन एक जाल की तरौं तुम पर अचानक से ऐ जालु।
तब उ प्रार्थना कैरिके उठी अर अपणा चेलों का पास गै, अर वेन ऊंतैं सियूं देखि। किलैकि चेला दुख की वजै से पस्त ह्वे गै छा।
इलै ही पवित्रशास्त्र मा साफ-साफ लिख्यूं च कि, “हे सियां मनखि उठ, मुरदो मा बटि खड़ु हो, तब मसीह को उज्याळु त्वे पर चमकळु।”