3 वेन ऊंतैं जबाब दिनी, “मूसा न तुमतै क्या इजाजत दिईं च?”
3 यीशु ल ऊं तैं जवाब दे, मूसा ल तुम तैं तलाक कु क्य व्यवस्था दियुं च?
तब कुछ फरीसी दल का लोग यीशु का पास ऐनी, अर ऊंन वेतैं अपणी बात मा फसौणु खुणि वेसे पूछी, “क्या या बात नियम का मुताबिक ठिक च, कि कुई भि मनखि अपणी जनानि तैं तलाक दे सकदु?”
ऊंन बोलि, “परमेस्वर का रैबर्या मूसा न तलाकनामा लिखी के घरवळी तैं छुड़ण की आज्ञा दिईं च।”
अर एक बार एक मनखि जु की शास्त्री छौ, वेन यीशु तैं परखण का खातिर खड़ु ह्वेके बोलि, “गुरुजी, सदनि का जीवन को वारिस होणु खुणि मि क्या जि कैरुं?”
“तुम पवित्रशास्त्र को मनन करद्यां, किलैकि तुम लोग समझद्यां, कि ये मा तुमतै सदनि को जीवन मिलदु, पर यू ही शास्त्र मेरी गवै देन्दिन।
हे मेरा भै-बैंणो तुम लोग जु नियम-कानूनों का अधीन रौण चन्द्यां, तुम मितैं एक बात बता क्या तुम लोग न नियम-कानूनों तैं ढंगल नि सुणी?