मत्ती 8:6 - Garhwali6 “प्रभु, मेरु नौकर घौर मा लकवा रोग मा पोड़्यूं च, अर उ भौत दुखी च।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम6 “हे प्रभु मेरू सेवक घौर मा लकवा का रोग का कन हिलडुली भि नि सकदा अर भौत दुख मा पोड़य्युं च।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर जौं गुलामों का मालिक बिस्वासी लोग छिन, त ऊ अपणा मालिकों तैं एक बिस्वासी भै समझि के ऊंतैं कम आदर-सम्मान नि द्यो, पर ऊ जादा से जादा वेको काम कैरो। किलैकि ऊंका कामों का द्वारा जौं मालिकों को फैदा होणु च, उ परमेस्वर पर बिस्वास करण वळा अर परमेस्वर खुणि प्रिय छिन। अर यों सब बातों तैं दुसरो तैं भि समझौण रौ, अर पालन करण खुणि ऊंतैं हिम्मत भि दे।