इलै जु कुछ भि होणु च ऊं सब बातों का बारा मा मि तुमतै बतै देन्दु कि यों मनखियों तैं यों का हाल पर छोड़ द्या अर ऊं बटि दूर रा, अगर जु यू काम अर या योजना मनखियों की तरफा बटि होलि, त अफि खतम ह्वे जालि।
हे मेरा भै-बैंणो, क्या तिमला का डाळा पर जैतून का फल लगि सकदिन? अर क्या अंगूर की बेल पर तिमला लगि सकदिन? ठिक इन्नि कै कड़ा धारा बटि कभि मिठ्ठु पाणि नि निकळि सकदु।