मत्ती 5:22 - Garhwali22 पर मि तुमतै बतै देन्दु कि, जु कुई भि कै मनखि से नाराज हो, अर वेको अपमान कैरो अर बोलो ‘अरे बेकूप’ त वेतैं कचैरी मा दोषी ठैरै के दण्ड मिललु। अर अगर जु कुई अपणा भै-बैंण कू बोललु ‘अरे मूरख’ त उ नरकलोक की आग मा डळै जालु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम22 पर मि तुम मा यु बुल्ण छौं कि जु कुई अपड़ा भैय पर गुस्सा करलो पिता परमेश्वर पंचयती मा वेकी जांच के न्याय करलो, अर जु कुई अपड़ा भैय तैं निकम्मों बुललो उ महासभा मा दंड कु हकदार होलो अर जु कुई बोलु “अरे मूर्ख” उ नरक की आग का दंड कु हकदार होलो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर ये नगर मा इपिकूरी अर स्तोईकी नौ का दुई ज्ञानी दल छा, अर यों दलों मा बटि कुछ लोग पौलुस बटि मिलिनी। अर ऊं बटि कुछ लोगु न बोलि, “यू कचर-कचर करण वळु मनखि क्या च बोन्नु?” दुसरो न बोलि, “अरे यू त पता नि कौं द्यबतों का बारा मा बतौणु च।” (अर या बात त ऊंन इलै बोलि, किलैकि पौलुस यीशु का बारा मा, अर मुरदो मा बटि मा ज्यून्द होण का बारा मा बतौणु छौ)।
अर अगर तुम मा बटि कुई कै भै या बैंण तैं इन पाप करद देखो, जु की वेतैं परमेस्वर बटि हमेसा खुणि दूर नि करदु, त तुमतै वे खुणि प्रार्थना करण चयेणी। अर परमेस्वर वेतैं जीवन द्यालु, जैन इन पाप नि कैरी जैकी वजै से उ मनखि परमेस्वर से दूर ह्वे जौ। मगर कुछ पाप इन्द्रया भि छिन जु कि ऊंतैं परमेस्वर बटि हमेसा खुणि दूर कैरी देन्दिन, अर इन्दरि बातों का बारा मा प्रार्थना करणु खुणि मि नि बुल्दु।