मत्ती 5:12 - Garhwali12 तब तुम आनन्द मणया अर मगन ह्वे जयां, किलैकि तुम खुणि स्वर्ग मा बड़ु इनाम रख्युं च। अर जन वु तुमतै सतौणा छिन, ठिक इन्नि ऊंन तुम से पैलि परमेस्वर का भौत सा रैबर्यों तैं भि सतै।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम12 तब खुश अर मगन हुयां किलैकि तुम कु स्वर्ग मा बड़ो फल च। इलै की ऊंल ऊं परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वलो तैं भि जु भौत बगत पैली छा इन ही सतै छो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर यीशु न भीड़ का लोगु कू इन भि बोलि कि, “जब तुम उपवास रखिल्या, त ढोंगि लोगु की तरौं तुमरा मुख पर उदासी नि हो, किलैकि ऊ अपणु मुख इन्द्रयो इलै बणै के रखदिन, ताकि लोग समझि जा कि ऊंको उपवास रख्युं च। पर मि तुम बटि सच्चि बोन्नु छौ, कि लोगु बटि त ऊंतैं आदर-सम्मान मिली गै, मगर पिता परमेस्वर बटि ऊंतैं कुछ इनाम नि मिलण।
तब वेन इन बोलि, “हे यरूशलेम का लोगु, तुम जु रैबर्यों तैं मारी देन्द्यां, अर जौं लोगु तैं परमेस्वर न तुमरा बीच मा भेजि ऊंतैं तुम ढुंग्यौन्दा छाँ। अर मिन कथगा ही दौं इन चै कि जन कुखडि अपणा बच्चों तैं अपणा फाँकुड़ो का तौळ इकट्ठा कैरिके रखदी, ठिक उन्नि मि भि तुमतै इकट्ठा कैरुं, पर तुम लोगु न इन नि चै।