मत्ती 5:10 - Garhwali10 “धन्य छिन ऊ, जौं तैं धरमी जीवन जीण का खातिर सतयै जान्दु, किलैकि परमेस्वर को राज ऊंको ही च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम10 “धन्य छिन उ जु धर्मी जीवन जींण का कारण से सतै जंदींनि, किलैकि स्वर्ग को राज्य ऊंको ही च।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |