अर दुई दिन का बाद फसह को त्योवार अर अखमीरी रुट्टी को त्योवार औण वळु छौ। अर मुख्य पुरोहित अर शास्त्री लोग, ईं बात की फिराक मा छा कि कनकै यीशु का दगड़ा मा छल कैरिके वेतैं पकड़ै जौ अर जान से मरे जौ।
“हे शैतान की औलाद, अर सब अच्छे का दुसमन तू त झूठ्ठों अर धोखा देण वळु छैई, क्या तू प्रभु का सही बाटा बटि लोगु तैं गळत बाटा पर लि जाण कभि नि छोड़ि सकदी?
अर ये नया राजा न हमरा पितरों का दगड़ा मा बिस्वासघात कैरी अर ऊंका दगड़ा मा भौत गळत ब्यौहार कैरी, वेन ऊंतैं इथगा मजबूर कैरी कि ऊंन अपणा नवजात बच्चों तैं मुरणु खुणि भैर छोड़ दिनी ताकि वु मोरि जा।
मगर मितैं ईं बात की बड़ी चिन्ता च कि जन शैतान न गुरौ का द्वारा बड़ी चालाकी से हवा तैं अपणा छल मा फंसै दिनी, ठिक उन्नि कखि इन नि हो कि झूठ्ठा लोग अपणी गळत शिक्षा का द्वारा तुमरा पवित्र जीवन तैं जु कि यीशु मसीह का दगड़ा मा च वेतैं बिगाड़ि नि द्या।