10 अर जब ऊंन वे गैंणा तैं उख रुकद देखि, त ऊंकी खुशी को कुई ठिकाणु नि रै।
10 वे गैंणो तैं देखि के उ भौत खुश हवेनि।
अर जब ऊ वे घौर मा गैनी, त ऊंन बच्चा तैं वेकी माँ मरियम का दगड़ा मा देखि। अर अपणा-अपणा थैलों तैं खोली के सोना, लोबान, अर गंधरस उपहार का रुप मा देके बच्चा को आदर-सम्मान कैरी।
अर राजा की या बात सुणी के ऊ चलि गैनी, अर जु गैंणु ऊंन पूरब दिसा मा देखि छौ, उ ऊंका अगनै-अगनै चलि, अर वीं जगा का मथि पौंछी के रुकी गै जख उ बच्चा छौ।
तब स्वर्गदूत न ऊंकू बोलि, “डौऽरा ना, किलैकि सुणा, मि तुमतै एक शुभ समाचार सुणान्दु, जु सब लोगु तैं बड़ी खुशी द्यालु।
तब चरवाहों कू जन बुले गै छौ, ऊंन ठिक उन्नि देखि अर सुणी, अर ऊं सब बातों का खातिर परमेस्वर की बडै कैरी, अर वेतैं बड़ु आदर-सम्मान देके वापिस चलि गैनी।