मगर ऊ अपणा भितर वचन की जड़ तैं जमण नि देन्दिन, अर वु वचन भि वेमा कुछ बगत तक ही रौन्दु। इलै वचन की वजै से जब कुई भि दुख-तकलीफ या सतौ ऊंका जीवन मा औन्दिन, तब वु लोग तुरन्त बिस्वास करण छोड़ि देन्दिन।
अर जु बीज ढुंग्याण जमीन पर पोड़ीनी, ऊ वु लोग छिन जु वचन तैं सुणी के खुशी से स्वीकार करदिन, अर कुछ बगत तक ऊ बिस्वास त करदिन, पर बिस्वास मा जड़ नि पकड़ण की वजै से जब अजमैस ऊंका जीवन मा औन्दिन, त ऊ बिस्वास करण छोड़ि देन्दिन।
अर यीशु मसीह पर बिस्वास करण की वजै से उ तुमरा दिल मा वास कैरो, अर वेका होण से तुमरा भितर को मनखि एक-दुसरा का दगड़ा प्यार से रौण मा और भि जादा मजबूत हो।
अर यू सब तभि ह्वे सकदु, जब तुम बिस्वास मा बणयां रा अर वेकी बुनियाद मा मजबूत ह्वेके टिक्यां रा, अर जु शुभ समाचार तुमुन सुणी वां से मिलण वळी आस तैं नि छोड़ा। अर ये ही शुभ समाचार को परचार हर जगा किये जाणु च, अर मि पौलुस ये काम को सेवक छौं।
अर एक डाळा का जन मसीह मा जड़ पकड़दी अर बढदी जा। अर जिं शिक्षा का बारा मा तुमतै सिखये गै, वेका मुताबिक बिस्वास मा मजबूत होन्दी जा। अर हरेक बात मा परमेस्वर को धन्यवाद देणा रा।