“जु कुई मेरा नौ से ये बच्चा तैं स्वीकार करदु उ मितैं स्वीकार करदु, अर जु कुई मितैं स्वीकार करदु उ वेतैं स्वीकार करदु जैन मितैं भेजि च। किलैकि तुम मा बटि जु कुई भि दीन बणि के चललु, उई सबसे खास होलु।”
तब वीं सामरी जाति की जनानि न यीशु कू बोलि, “तुम त यहूदी छाँ अर मि सामरी जनानि छौं, त तुम मि बटि पाणि कनकै मांगि सकद्यां?” (किलैकि यहूदी लोग, सामरियों का दगड़ा मा कै भि तरीके को ब्यौहार नि रखदिन)।