53 पर सब लोग वेकी बात पर हसण लगि गैनी, किलैकि ऊ जणदा छा कि वा मोरि गै।
53 उ यु जांणि के कि व त मोरि गै उ वेको ठट्टा कन लगि गैनी।
तब वेन ऊं लोगु कू बोलि, “सब लोग इख बटि भैर चलि जा, किलैकि नौनि मोरि नि च बल्किन मा सिंणी च।” अर या बात सुणी के लोग यीशु पर हसण लगि गैनी।
अर जब फरीसी दल का लोगु न यीशु की यों बातों तैं सुणी, त वेको मजाक उड़ौण लगि गैनी। किलैकि उ दौलत का लालची छा।
अर उख सब लोग वीं नौनि खुणि रुंणा छा, मगर वेन ऊंकू बोलि, “नि रुवा, वा मोरि नि च बल्किन मा सिंणी च।”
पर यीशु न वीं नौनि को हाथ पकड़ी के बोलि, “बेटी, उठ जा,”
तब यीशु न बोलि “ये डांग तैं उनै फरके द्या।” तबरि मुरयां मनखि की बैंण मारथा न बोलि, “प्रभु, अब त वे पर सड़्याण औण लगि गै ह्वेलि, किलैकि वेतैं मुरयां चार दिन ह्वे गैनी।”