अर जब ऊ वे घौर मा गैनी, त ऊंन बच्चा तैं वेकी माँ मरियम का दगड़ा मा देखि। अर अपणा-अपणा थैलों तैं खोली के सोना, लोबान, अर गंधरस उपहार का रुप मा देके बच्चा को आदर-सम्मान कैरी।
तब ऊ चौबीस अध्यक्ष राजगद्दी पर बैठण वळा का समणि भ्वीं मा पोड़ि के वेकी भक्ति करदिन, जु कि हमेसा-हमेसा तक ज्यून्द च। अर अपणा-अपणा मुकुट तैं निकळि के वेकी राजगद्दी का समणि रखदिन अर इन बुल्दिन कि,
अर जब वेन वु ले, त चार ज्यून्द पराण अर चौबीस अध्यक्ष मेम्ना का समणि भ्वीं मा पोड़ि गैनी। अर हर अध्यक्ष का हाथ मा बीणा अर सोना का कटोरा छा, जु कि धूबत्ती से भोर्यां छा जैको मतलब बिस्वासी लोगु की प्रार्थना से च।