हाँ, आखिर बिगुल बजौण का बगत मा झट आंखा झपकौंदि ही इन ह्वे जालु। बिगुल बजलु अर मुरदा इन्द्रया सरील मा ज्यून्दा होला जैको नास नि हो सकदु अर हम बदलि जौला।
अर जु कुई ईं दुनियां मा अपणु जीवन बसर करणु च वेतैं अपणु पूरु ध्यान दुनियां की चीजों की तरफा ना, बल्किन मा परमेस्वर की सेवा की तरफा लगौण चयेणु, किलैकि ईं दुनियां को नास होण वळु च।
बल्किन मा वे बगत त तुम ईं दुनियां का मुताबिक अपणा जीवन तैं बुरै का मुताबिक चलौन्दा छा, अर आसमान पर सासन करण वळा शैतान की बातों तैं मणदा छा। अर आसमान पर सासन करणु वळु वु बुरु आत्मा आज भि ऊं लोगु का जीवनों मा काम करदु, जु आज्ञा को पालन नि करदिन।
किलैकि हम बिस्वासी लोगु की या लड़ै मनखियों का दगड़ा मा नि च, जौं पर केवल मांस, ल्वे अर हड़गा ही छिन, बल्किन मा हमरि लड़ै त दुष्ट खबेसों, अर ऊंका परधानों अर अधिकारीयों का दगड़ा मा च, जु कि ईं अन्धेरी दुनियां पर सासन करदिन अर आसमान मा रौनदिन।