“अर जु चीज पवित्र छिन, ऊंतैं कुकरों तैं नि द्या, अर ना ही अपणा मोति सुंगरों का अगनै डाला, कखि इन नि हो की वु ऊंतैं अपणा खुटों का तौळ दबै द्या, अर पिछनै मुड़ि के तुमतै फाड़ी द्या अर टुकड़ा-टुकड़ा कैरी द्या।”
अर पवित्रशास्त्र का जै हिस्सा मा बटि उ पढणु छौ उख मा इन लिख्यूं छौ कि, “उ त भेड़ की तरौं बलि होण खुणि लये गै, अर जन भेड़ को बच्चा ऊंन माठण दौं शान्त रौन्दु ठिक उन्नि वेन भि अपणु गिच्चु नि खोली।
वेन गळी का बदला मा कैतैं गळी नि देई, अर ना ही वेन दुख का बगत मा कैतैं धमकी देई, बल्किन मा वेन खुद तैं परमेस्वर का हाथों मा सौंपी दिनी, जु कि सच्चै से न्याय करदु।