अर अपणा लालच का खातिर वु झूठ्ठा लोग अपणी झूठ्ठी बातों का द्वारा तुम बटि पैसा कमौला। मगर परमेस्वर न ऊंतैं भौत पैलि ही दोषी ठैरैयालि, अर अब ऊंको नास होण मा देर नि होलि।
अर हाय च यों लोगु खुणि, किलैकि यू कैन का बाटा पर चलण लगि गैनी, जैन अपणा ही भै तैं मारी दिनी। अर रुपयों का लालच मा बिलाम की तरौं धोखा देन्दिन, अर कोरह का जन बगाबत कैरिके नास ह्वे गैनी।