तब यीशु कुछ दूर गै अर भ्वीं मा पोड़ि के प्रार्थना कैरिके बोलि, “मेरा पिता, अगर जु तुमरि मरजी हो, त दुख का ये बगत तैं मेरा समणि बटि हटै द्या, पर फिर भि मेरी इच्छा ना, बल्किन मा तुमरि मनसा पूरि हो।”
अर फरीसी खड़ु ह्वेके अपणा मन मा इन प्रार्थना करण लगि गै कि, ‘परमेस्वर, मि तुमरो धन्यवाद करदु कि मि दुसरा लोगु का जन ठग, अधरमी, अर ना ही गळत सम्बन्ध रखण वळा का जन छौं, अर ना ही ये चुंगी लेण वळा का जन छौं।
अर उख सात दिन रौण का बाद हम उख बटि जाण लगि ग्यां, तब उखा सब बिस्वासी लोग, अपणी जनानियों अर बच्चों समेत हमतै छुड़णु कू नगर का भैर तक ऐनी, अर वे समुन्दर का छाला पर हमुन घुंडा टेकी के प्रार्थना कैरी।
तब पतरस न सब लोगु तैं उख बटि भैर भेजि, अर घुंडा टेकी के प्रार्थना कैरी। अर लांश जनै देखि के बोलि, “तबीता उठ जा,” तब वींन अपणा आंखा खुलीनि अर पतरस तैं देखि के वा उठी अर बैठि गै।
अर जब यीशु मसीह ईं धरती पर छौ त वे बगत वेन ऊँची आवाज मा परमेस्वर तैं बुलै अर रुवे-रुवे के वेसे बिन्ती कैरी जु की वेतैं मौत से बचै सकदु छौ। अर पिता परमेस्वर न वेकी प्रार्थना तैं सुणी, किलैकि यीशु न वे पर अपणी पूरि सरदा रखी के खुद तैं वेका सुपुर्द कैरी दिनी।