तब मुख्य पुरोहितों न चांदी का ऊं सिक्कों तैं उठे अर बोलि, “यों सिक्कों तैं मन्दिर की दान-पेटि मा रखण ठिक नि च, किलैकि कै की मौत खुणि येको इस्तेमाल किये गै।”
मगर मि तुमतै बतै देन्दु, कि यू विधवाओं का घौर पर कब्जा कैरी देन्दिन, अर लोगु तैं दिखाणु खुणि भौत देर तक प्रार्थना कना रौनदिन। पर यों तैं भौत कड़क सजा मिलण।”
अर यीशु न यों सब बातों तैं अपणा उपदेस मा बोलि अर वे बगत उ वीं जगा मा छौ जख मा दान-पेटि रखी रौनदिन, पर तभि भि कैन यीशु तैं नि पकड़ी, किलैकि वेको बगत अभि तक नि ऐ छौ।