30 तब दुसरा न अपणा भै कि घरवळी का दगड़ा मा ब्यौ कैरी मगर उ भि बिना औलाद को सुख दिख्यां ही मोरि गै,
30 तब दुसरा ल भि इन ही कैरी अर उ भि मोरि गै।
त सुणा गुरुजी, एक बार सात भै छा अर जब पैला भै को ब्यौ ह्वे त बिना औलाद को सुख दिख्यां ही उ मोरि गै।
अर फिर तिसर न भि वीं जनानि का दगड़ा मा ब्यौ कैरी, अर उ भि बिना औलाद को सुख दिख्यां ही मोरि गै। अर सातों का दगड़ा इन्नि ह्वे।