45 पर यीशु ऊंतैं नि मिली। तब ऊ वेतैं खुज्यान्द-खुज्यान्द यरूशलेम कू फिर वापिस लौटी गैनी।
45 पर जब नि मिली त खुज्योंद-खुज्योंद यरूशलेम शहर कु फिर वापिस लौटि गैनी।
किलैकि ऊंतैं यू लगणु छौ कि यीशु हम दगड़ा का दुसरा मुसाफिरों का साथ मा होलु। अर इन सोची के ऊंन एक दिन को बाटु पूरु कैरी दिनी, पर यीशु ऊंतैं तब भि नि दिखै, तब ऊ वेतैं अपणा रिश्तेदारों अर जाण-पछ्याण का लोगु मा खुज्याण लगि गैनी।
अर तीन दिन का बाद उ ऊंतैं मन्दिर मा मिली। अर उख यीशु गुरु लोगु का दगड़ा मा बैठि के ऊंकी बातों तैं सुनणु छौ अर ऊं बटि सवाल कनु छौ।