19 पर मरियम न यों सब बातों तैं अपणा मन मा ही रखी, अर यों बातों का बारा मा सुचण लगि गै।
19 पर मरियम यूं सब बातों तैं अपड़ा मन मा रखि के सुचणी रै।
अर जथगा लोगु न ये बारा मा सुणी, ऊं सभ्यों न ईं बात तैं अपणा-अपणा मनों मा ही रखी अर बोलि, “यू नौनु बड़ु ह्वेके कन्द्रयो होलु?” किलैकि प्रभु को हाथ वे बच्चा का दगड़ा मा छौ।
अर चरवाहों की यों बातों तैं सुणी के सब सुनण वळा हकदक रै गैनी।
तब उ ऊंका दगड़ा मा नासरत नगर कू वापिस ऐ। अर ऊंकी आज्ञाओं का अधीन मा रै, अर वेकी माँ न यों सब बातों तैं अपणा मन मा रखी।