तब फरीसी दल का लोग अर शास्त्री लोग कुड़कुड़ै के यीशु का चेलों कू बोन्न लगि गैनी, “तुम चुंगी लेण वळो अर ऊंका ही जन दुसरा पापि लोगु का दगड़ा मा खान्दा-पीन्दा किलै छाँ?”
जब की मनखि को पुत्र ऐ, अर खान्दु-पीन्दु च, अर तुम बुल्द्यां कि, ‘देखा, यू त पेटू अर जादा खाण-पीण वळु मनखि च, अर चुंगी लेण वळो को अर इन्द्रया ही दुसरा पापि लोगु को दगड़्या च।’
अर यू देखि के उ फरीसी, जैन यीशु तैं अपणा घौर मा बुलै छौ, उ अपणा मन मा सुचण लगि गै कि, “अगर जु यू परमेस्वर को रैबर्या होन्दु, त यू जाणि जान्दु, की या जनानि क्वा च, अर कन्दरि च, ज्वा वेतैं छूणि च। अर उ इन भि जाणि जान्दु, कि वा एक पापि च।”