अर वेन ऊंकू बोलि, “तुम मा बटि इन्दरि क्वा जि जनानि होलि, जिं का पास चांदी का दस सिक्का हो अर ऊं सिक्कों मा बटि एक हरचि जौ। तब वा जनानि वे सिक्का तैं मन लगै के खुज्याण मा लगि जौ, इख तक की द्यू बाळि के घौर का कुणों-काणों मा भि सुरदी रौ।
अर जु लोग वे पर बिस्वास करदिन वु ऊंतैं पिता परमेस्वर का पास लेके जान्दु अर ऊंतैं बचौण की ताकत रखदु, किलैकि वु ऊं सभ्यों खुणि हमेसा पिता परमेस्वर से बिन्ती करण वळु एक बिचलु च।