लूका 18:12 - Garhwali12 मि हप्ता मा दुई बार उपवास रखदु अर जु कुछ मितैं मिलदु, वांको दसुं हिस्सा चड़ौन्दु छौं।’ အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम12 मि हप्ता मा द्वी बार उपवास रखदु, मि अपड़ी सैरी कमै कु दसवां हिस्सा तुम तैं दींदु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर यीशु न भीड़ का लोगु कू इन भि बोलि कि, “जब तुम उपवास रखिल्या, त ढोंगि लोगु की तरौं तुमरा मुख पर उदासी नि हो, किलैकि ऊ अपणु मुख इन्द्रयो इलै बणै के रखदिन, ताकि लोग समझि जा कि ऊंको उपवास रख्युं च। पर मि तुम बटि सच्चि बोन्नु छौ, कि लोगु बटि त ऊंतैं आदर-सम्मान मिली गै, मगर पिता परमेस्वर बटि ऊंतैं कुछ इनाम नि मिलण।
“हे फरीसी दल का लोगु, तुम पर हाय च, किलैकि तुम पुदीना अर सुदाब नौ का पौधा को अर इन्नि बन्नि-बन्नि किसम का साग-पातो को भि दसुं हिस्सा देन्दयां। पर न्याय अर परमेस्वर का प्यार तैं टाळि देन्दयां, जब की तुमरो यू फरज छौ कि अपणा मन तैं शुद्ध बणै के परमेस्वर का प्यार तैं अर वेकी आज्ञा को पालन तुम खुद भि कना रौन्दा, अर यू ही तरीका लोगु तैं भि सिखौन्दा।