तब यीशु न ऊंकू बोलि, “हे शास्त्री अर फरीसी दल का लोगु, तुम बड़ा ढोंगि छाँ अर तुम पर हाय च, किलैकि तुम दुसरा लोगु खुणि परमेस्वर का राज को द्वार बन्द कना छाँ, अर नऽ त तुम खुद वेमा जाणा छाँ, अर ना ही ऊंतैं जाण देणा छाँ जु कि वेमा जाण का हकदार छिन।
मगर मि तुमतै बतै देन्दु, कि यू विधवाओं का घौर पर कब्जा कैरी देन्दिन, अर लोगु तैं दिखाणु खुणि भौत देर तक प्रार्थना कना रौनदिन। पर यों तैं भौत कड़क सजा मिलण।”
अर लोग उखि खड़ा ह्वेके यू सब दिखणा छा। अर अधिकारी लोगु न भि वेको मजाक उड़ै के बोलि, “अरे, येन दुसरा लोगु तैं बचै, अगर जु यू परमेस्वर को चुण्यूं मसीह च त अब यू खुद तैं बचौ।”
किलैकि लोग केवल अफ बटि ही प्यार करण वळा, अर अपणा धन-दौलत बटि प्यार करण वळा होला। अर डींग मरण वळा, अपणी सब बातों पर बड़ु मोन करण वळा, अर एक-दुसरा की बेजती करण वळा होला। इख तक की लोग अपणा ब्वे-बबा की बातों तैं भि नि मणला, अर कै का उपकार तैं नि मणला, अर ना ही वु पवित्र जीवन जीण वळा होला।