23 अर पळ्यां बखरों मा बटि बड़िया बखरा तैं लेके काटा, ताकि हम खा अर खुशी मणा।
23 अर बछड़ा कु बड़ो भोज तैयार कैरी कि हम खां अर अनन्द मणां।
पर वेका बुबा न अपणा नौकरों कू बोलि, ‘सुणा, फटाफट अच्छा कपड़ा निकाळा अर येतैं पैरा, अर येका हाथ मा अंगुठी अर खुटों पर जुता पैरा।
किलैकि मेरु यू नौनु मोरि गै छौ पर अब यू ज्यून्दु ह्वे गै।’ अर यू हरचि गै छौ पर अब मिली गै। तब ऊ सब मिली के खुशी मनौण लगि गैनी।