6 अर ऊंका पास ईं बात को कुई जबाब नि छौ।
6 ऊंल यूं बातों कु कुई जवाब नि दे सैकी।
अर ईं बात तैं सुणी के फरीसी दल का लोग यीशु तैं जबाब नि दे सकिनी, अर ये दिन बटि कै की हिम्मत नि ह्वे कि कुई भि वेतैं अजमौणु खुणि फिर वे बटि सवाल पूछो।
जब वेन या बात बोलि त जु लोग वेका खिलाप मा छा ऊं सभ्यों की बेजती ह्वे गै, पर भीड़ का सब लोग वेका यों चमत्कारिक कामों से जु वेन करिनी आनन्द मनौणा छा।”
इलै वु ईं बात पर लोगु का समणि वेतैं पकड़ी नि सकिनी, बल्किन मा वेका जबाब तैं सुणी के हकदक रै गैनी।
अर येका बाद ऊं लोगु की हिम्मत नि ह्वे कि वे बटि कुछ भि पूछा।
किलैकि मि तुमतै इन्दरि अकल अर बुलणु खुणि इन शब्द द्यूलु, कि तुमरा सब बैरी तुमरि बातों को मुकाबला नि कैरी सकला, अर ना ही तुमरि बात को विरोध कैरी सकला।
पर यू लोग वेका ज्ञान की बातों को जबाब नि दे सकिनी, किलैकि स्तिफनुस पवित्र आत्मा की सामर्थ मा ह्वेके बोन्नु छौ।