6 किलैकि मेरु एक दगड़्या सफर कैरिके अभि हमरा इख ऐ, अर वेतैं खिलाणु कू मि मा कुछ भि नि च।’
6 किलैकि मेरू एक दगड़िया सफर मि मेरा यख अयुं च वे तैं खिलाणु कु मि मा कुछ नि च।
तब यीशु न ऊंकू बोलि, “माणी ल्या तुम मा बटि कै को एक दगड़्या च, अर वु अधि रात मा तुमरा पास ऐके बोलो कि, ‘दगड़्या जरा तीन रुट्टी दे दे।
तब उ भितर बटि जबाब द्यो कि, ‘मितैं परेसान नि कैर, अब मिन द्वार बन्द कैरियाली, अर मेरा बाल-बच्चा मि दगड़ि बिस्तर मा छिन, इलै मि उठी के त्वेतै नि दे सकदु।’