अर जु कुछ तुमरा पास च वेतैं बेचि के जरुरतमन्द लोगु तैं दे द्या। अर स्वर्ग मा अफु खुणि इन्द्रया बटुवा बणावा जु कभि पुरणा नि होनदिन, अर वामा अफु खुणि इन्द्रयो धन इकट्ठा कैरा, जु कभि खतम नि होन्दु अर जैका नजदीक चोर नि ऐ सकदु अर ना ही वे पर कभि कीड़ु लगदु।
अर मि तुम बटि बोन्नु छौं कि, ‘दुनियां की दौलत का छौन्द तुम अफु खुणि दगड़्या बणैल्या, ताकि जब वा दौलत खतम ह्वे जौ, त ऊ तुमरो स्वागत सदनि का घौर मा करला।’
अर यू सुणी के यीशु न वेकू बोलि, “त्वेमा अभि भि एक बात की कमी च। इन कैर कि जु कुछ भि त्वेमा च, ऊ सब कुछ बेचि दे अर वे बटि जु कुछ भि मिललु वु सब गरीबों मा बांटि दे, अर ऐके मेरु चेला बणि जा तब त्वेतै स्वर्ग मा खजानु मिललु।”
अर ये अकाळ का बगत मा ही अन्ताकिया नगर का बिस्वासी लोगु न इन फैसला कैरी, कि हरेक मनखि यहूदिया मुलक मा रौण वळा बिस्वासी लोगु की मदद करणु खुणि जै से जथगा ह्वे सकलु, उ उथगा दे सकदु च।
अर ईं बात तैं याद रखा, कि अगर जु तुम सच्चि मा मदद करण चाणा छाँ, त अपणी-अपणी हैसियत का मुताबिक दे सकद्यां, ताकि या बात देखि के पिता परमेस्वर खुश हो। किलैकि पिता परमेस्वर इन इच्छा नि रखदु कि कु मितैं कथगा द्यालु, यू त तुमरि गुंजैस का मुताबिक च कि कु कथगा देण चाणु च।
अर जौं को मन शुद्ध च इन्द्रया लोगु खुणि सब कुछ शुद्ध च, पर जौं लोगु का मन मा बुरै भुरीं च अर जु बिस्वास नि करदिन ऊं खुणि कुछ भि शुद्ध नि च। अर ऊं लोगु की अकल अर मन इन बिगाड़ि गै, अर ऊंतैं इन पता नि च कि क्या जि सही च अर क्या जि गळत।
अर जै तरीके से तुमुन परमेस्वर का लोगु की सेवा कैरी अर अभि भि कना छाँ, वां से इन साबित होन्दु कि तुम पिता परमेस्वर से कथगा प्यार करद्यां, अर उ यों बातों तैं नि बिसरलु, किलैकि उ कै का दगड़ा मा अन्यो नि करदु।
पर जु मनखि अनाथों अर विधवाओं का दुख मा ऊंकी देख-रेख करदु, अर खुद तैं दुनियां की बुरै से बचै के रखदु उई परमेस्वर की नजर मा सच्चु धरमी च। अर इन्द्रया धरमी ही पिता परमेस्वर की नजर मा बेदाग अर सच्चा छिन।