लूका 11:31 - Garhwali31 “अर दक्छिण की महाराणी न्याय का दिन पर ये जमना का लोगु का दगड़ा मा खड़ि होलि अर तुमतै दोषी ठैराली, किलैकि जब वींन राजा सुलैमान का ज्ञान का बारा मा सुणी, तब वा धरती का छोर बटि ऐ। पर सुणा, इख त उ च जु की राजा सुलैमान से भि महान च, पर तुम वे पर बिस्वास नि करद्यां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम31 दक्षिण देश की राणी न्याय का दिन यु बगत का लुखुं तैं भंगारी ठैरालि किलैकि व राजा सुलैमान का ज्ञान तैं सुनणु कु धरती का एक छोड़ बट्टी ऐ अर देखा इख उ च जु राजा सुलैमान से भि बड़ो च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर बिस्वास से ही पितर नूह न परमेस्वर की तरफा से वे पाणि की विपदा का बार मा जाणि जैतैं वेन देखि नि छौ, अर वेन परमेस्वर की बात सुणी अर परमेस्वर की आज्ञा माणी के अपणा परिवार तैं बचौणु खुणि पाणि को एक बड़ु जाज बणै। अर इन्द्रया बिस्वास का बानो परमेस्वर न नूह तैं अपणी नजर मा धरमी पै, मगर वे बगत का लोगु न बिस्वास नि कैरी, इलै परमेस्वर न ऊंतैं दण्ड दिनी।