अर पिता परमेस्वर न जु करार ऊंका दगड़ा मा कैरी वु ऊंका जीवन मा पूरु नि ह्वे, मगर एक बगत औण पर वु मोरि गैनी। फिर भि ऊंन बड़ी खुशी से इन स्वीकार कैरी कि, एक दिन वु करार जरुर पूरु होलु। अर ऊंन इन माणी कि हम लोग ईं दुनियां मा मुसाफिर छां, अर हमरु ठिकणा इख कुछ दिनों तक ही च।