43 इलै यीशु का बाना लोगु का बीच मा फूट पोड़ि गै।
43 अर यीशु का कारण लुखुं का बीच मा फूट पोड़ि गै।
“‘अर मेरी वजै से एक नौनु अपणा बुबा का खिलाप मा ह्वे जालु, अर एक नौनि अपणा ब्वे का खिलाप मा, अर ठिक इन्नि एक ब्वारि अपणा सासु का खिलाप मा ह्वे जालि।
अर तुम क्या समझद्यां कि मि धरती मा शान्ति देणु कू अयूं छौं? मि तुमतै बतै देन्दु, यां खुणि ना, बल्किन मा मि त अलग करणु कू अयूं छौं।
अर यों बातों का बाना यहूदियों मा फिर से फूट पोड़ि गै।
तब उख लोगु का बीच मा यीशु का बारा मा खुसुर-पुसुर होण लगि गै। कुछ बोन्ना छा, “उ अच्छु मनखि च।” अर कुछ न बोलि, “ना, उ लोगु तैं भरमौन्दु च।”
ईं बात का बाना कुछ फरीसी बुलण लगि गैनी कि, “यू मनखि परमेस्वर की तरफा बटि नि अयूं, किलैकि यू सब्त का दिन तैं मणदु ही नि च।” पर दुसरा लोगु न बोलि, “कुई पापि मनखि इन चिन्न-चमत्कार कनकै कैरी सकदु?” इलै ऊं लोगु का बीच मा फूट पोड़ि गै।
तब नगर का लोगु मा फूट पोड़ि गै, अर कुछ लोग प्रभु का चेलों का जनै, अर कुछ लोग यहूदी लोगु का जनै ह्वे गैनी।