अर अरिमतिया नगर मा यूसुफ नौ को एक मनखि छौ, जु की यीशु पर बिस्वास करण वळु छौ। पर यहूदियों की डौऽर की वजै से ईं बात तैं छिपै के रखदु छौ। तब उ पिलातुस का पास जैके बिन्ती करण लगि गै, कि उ यीशु की लांश तैं लि जौ। अर पिलातुस बटि इजाजत मिलण का बाद उ ऐके यीशु की लांश तैं लि गै।
अर वे ही दिन याने कि इतवार की श्याम बगत यीशु का चेला एक कमरा मा छा। अर यहूदियों की डौऽर का बाना ऊंन द्वार बन्द कैरियाली छा, कि तबरि यीशु ऊंका बीच मा ऐके खड़ु ह्वे गै, अर ऊंकू बोलि, “तुमतै शान्ति मिलु।”
उ एक रात यीशु का पास ऐ अर बोलि, “गुरुजी, हम जणदा छां, कि तुम परमेस्वर की तरफा बटि गुरु ह्वेके अयां छाँ, किलैकि जौं चमत्कारिक कामों तैं तुम करद्यां, यू सिरफ उई कैरी सकदु जैका दगड़ा मा परमेस्वर हो।”
वेका ब्वे-बाब यहूदियों का मुख्यों बटि डौऽरदा छा, इलै ऊंन इन बोलि। किलैकि यहूदियों का मुख्यों न एक सला बणैयालि छै, कि जु कुई भि इन कबूल कैरी द्यालु कि यीशु ही मसीह च, वेतैं हमेसा खुणि प्रार्थना भवन बटि भैर कैरी दिये जालु।
“मि जणदु छौं, कि तुम वे नगर मा रौन्द्यां जख शैतान की राजगद्दी च, मगर फिर भि तुमरो भरोसा मि पर बणयूं रै। अर जब लोगु न मेरा भरोसामन्द गवा अन्तिपास तैं तुमरा नगर मा जान से मर दिनी, तब भि तुमरो बिस्वास मि पर बणयूं रै।