25 जब ऊं लोगु तैं यीशु झील का पल्या छाला मिली त ऊंन वेतैं पूछी, “गुरुजी, तुम इख कब अयां?”
25 झील का छाला जब उ यीशु तैं मिलिनि त ऊंल बोलि, हे गुरु तु इख कब ऐ?
तब यीशु अर वेका चेला झील तैं पार कैरिके गन्नेसरत का छाला पर पौंछिनी।
अर ऊ चनदिन कि लोग ऊंतैं बजारों मा नमस्कार कैरा, अर गुरु बोलि के ऊंतैं आदर-सम्मान द्या।
मगर तुम दुसरा लोगु बटि खुद तैं गुरु नि बुलवयां, किलैकि तुमरो एक ही गुरु च, अर तुम सब आपस मा भै छाँ।
तब यीशु अर वेका चेला झील तैं पार कैरिके गन्नेसरत का छाला पर पौंछिनी, अर ऊंन नाव तैं छाला पर लगै।
अर इथगा मा चेलों न यीशु बटि बिन्ती कैरी, “गुरुजी, कुछ खै ल्यावा।”