अर अगर मि करदु छौं, त चै तुम मेरु बिस्वास कैरा या नि कैरा, पर ऊं कामों पर त बिस्वास कैरा, ताकि तुम जाणि अर समझि सैका, कि पिता मि मा, अर मि पिता मा बसदु छौं।”
इन इलै ह्वे, किलैकि ज्वा बात परमेस्वर का रैबर्या यशायाह न बोलि छै, उ सब सच्च ह्वे जौ। अर वा बात इन च, की “हे प्रभु कैन हमरा वचनों पर बिस्वास कैरी? अर कै पर प्रभु की शक्ति परगट ह्वेई?”
“वेन ऊंका आंख्यों तैं अन्धु अर मन तैं निठुर कैरियाली, ताकि वु आंख्यों बटि ना देखा अर ना ही मन बटि समझा। अगर ऊंन देखियाली अर समझियालि अर अपणा मन से पस्ताप कैरियाली, त कखि इन ना हो कि मि ऊंतैं खूब कैरी द्यूं।”
तुम जु एक-दुसरा बटि आदर-सम्मान पौण चन्द्यां, पर उ आदर-सम्मान जु केवल परमेस्वर की तरफा बटि मिलदु च वेतैं नि चन्द्यां, त फिर तुम कनकै मि पर बिस्वास कैरी सकदा छाँ।
मेरा पिता न मितैं भेज्यूं च अर उई लोगु तैं मि मा लेके औन्दु। जबरि तक उ लेके नि अऽ, तबरि तक कुई मि मा नि ऐ सकदु। अर जौं लोगु तैं उ मि मा लेके औन्दु, ऊंतैं मि आखिरी का दिन मा फिर से ज्यून्दु कैरी द्यूलु।
त यों का आंखा हमेसा इन्दरि जनानि कि ताक मा रौनदिन, जिं का दगड़ा मा यू गळत काम कैरी सैका। अर इन कैरिके यों का आंखा पाप करण खुणि ही लग्यां रौनदिन। अर यू लोग चंचल मन वळो तैं भरमै देन्दिन, अर यों का मन मा भौत लालच भोरयूं च। असल मा यू वु लोग छिन जौं पर असगार पोड़्यूं च।