10 पर अगर कुई राति चलदु त वेतैं उतेडु़ लगदु, किलैकि राति मा उज्याळु नि होन्दु।”
10 पर जु कुई राती कु चलो, त ठोकर खान्दो, किलैकि वेमा उज्यला नि च।
मगर ऊ अपणा भितर वचन की जड़ तैं जमण नि देन्दिन, अर वु वचन भि वेमा कुछ बगत तक ही रौन्दु। इलै वचन की वजै से जब कुई भि दुख-तकलीफ या सतौ ऊंका जीवन मा औन्दिन, तब वु लोग तुरन्त बिस्वास करण छोड़ि देन्दिन।
इन बुलण का बाद यीशु न ऊंकू फिर से बोलि कि, “हमरु दगड़्या लाजर सै गै, इलै मि वेतैं उठौणु कू जाणु छौं।”
अर यीशु न बोलि, “क्या दिन मा बारह घन्टा नि होनदिन? अर अगर कुई दिन मा चलदु त वेतैं उतेडु़ नि लगदु, किलैकि उ दुनियां का उज्याळा मा दिखदु च।