पर मजदूर जु नऽ त चरवाह च, अर ना ही भेड़ों को मालिक, उ भेड़िया तैं औन्द देखि के भेड़ों तैं छोड़ि के भागी जान्दु। अर भेड़िया झपटी के ऊंतैं पकड़दु अर तितर-बितर कैरी देन्दु।
अर वेन या बात इलै नि बोलि, कि वेतैं गरीब लोगु की चिन्ता-फिकर छै। पर उ त चोर छौ, अर रुपयों की थैली भि वेमा ही रौन्दी छै। अर जु कुछ भि उखुन्द डळै जान्दु छौ, उ वामा बटि निकाळि देन्दु छौ।
अर सब लोगु न प्रार्थना भवन का मुखिया सोस्थिनेस तैं पकड़ी, अर येतैं न्याय आसन का समणि ही पीटि दिनी। मगर गवर्नर गल्लियो न ईं बात पर कुछ भि ध्यान नि देई।
अर मि चान्दु कि इन्दरि कुई भि बात नि च ज्वा कि तुमतै पिता परमेस्वर का काम करण से रोको। अर एक अणविवाक मनखि कि सोच इन होन्दी कि वेको सब काम प्रभु यीशु खुणि हो, ताकि वेका द्वारा प्रभु खुश ह्वे जौ।