अर सुण, मि त्वेतै ऊं लोगु का पास इलै भेजणु छौं, ताकि तू ऊंका आंख्यों तैं खोली दे अर वु अन्धेरा से हटि के उज्याळा की तरफा, अर शैतान की ताकत से हटि के परमेस्वर की तरफा ऐ जा। अर तब ऊंका पाप माफ ह्वे जाला अर जु लोग मि पर बिस्वास कैरिके पवित्र बणयां छिन, ऊं लोगु मा ऊंतैं भि वारिस बणयै जौ।’
अर जब ऊं लोगु न अपणा मन मा परमेस्वर का ज्ञान तैं रखण खूब नि समझि, त परमेस्वर न भि ऊंतैं ऊंका भ्रष्ट मन का हाल पर ही छोड़ दिनी, ताकि वु बुरा काम करण पर ही लग्यां रा।
अर जु लोग सरील की मनसा का मुताबिक चलदिन, ऊ परमेस्वर की पवित्र आत्मा की बातों तैं स्वीकार नि करदिन, इन्द्रया लोगु खुणि यू बात बेमतलब की छिन। मगर यों सब बातों तैं पवित्र आत्मा का द्वारा ही बिंगै जै सकदु।