तब यीशु न ऊंकू बोलि, “अगर जु तुम अन्धा होन्दा, त तुम पर पापों को दोष नि लगये जान्दु। पर तुम बुल्द्यां कि, ‘हमतै दिखेन्दु च।’ इलै तुम पर पापों को दोष लगदु।”
अर वु पिता परमेस्वर का ये खरा आदेस तैं भौत अच्छे से जणदिन, कि जु लोग इन्द्रया काम करदिन वु सब मौत का दण्ड का लैख छिन। मगर फिर भि ऊ केवल इन्नि काम कना रौनदिन, बल्किन मा इन काम करण वळो से खुश भि होनदिन।
त क्या उ जु मि खुणि भलु छौ, वु ही मि खुणि मौत को कारण बणि गै? नऽ रे ना इन नि च, बल्किन मा यू त पाप छौ जु कि वीं अच्छे का द्वारा मि खुणि मौत की वजा बणि, ताकि पाप परगट ह्वे जौ। अर जु कुई भि इन करदु उ पिता परमेस्वर का खिलाप मा जैके वेकी आज्ञाओं को पालन नि करदु।
अर ऊं खुणि भली बात त या ही होन्दी, कि वु धरम का बाटा का बारा मा सच्चु ज्ञान ही नि पौन्दा, अर ज्वा पवित्र आज्ञा ऊंतैं दिये गै वींतैं ऊ लोग अच्छी तरौं से नि जनण चनदिन, बल्किन मा वांको पालन करण ही छोड़ि देन्दिन।