किलैकि तुम अभि भि दुनियां की बातों का मुताबिक ही चलद्यां। अर या बात मि इलै बोन्नु छौं, किलैकि तुम लोग एक-दुसरा तैं देखि के खार खन्द्यां अर तुमरा बीच मा झगड़ा भि होनदिन। त अब तुम मितैं इन बता क्या फिर तुम दुनियां का लोगु का जन नि छाँ? अरे, तुम त ऊंका जन ही चाल चलणा छाँ।
अगर इन्दरि विधवाओं की मदद होलि, त वु अळकसि ह्वे जालि। इथगा ही ना पर उ बेमतलब मा घौर-घौर घूमी के एक-दुसरे की छुईं ही लगाली। अर जु-जु बात बोन्न ठिक नि होनदिन वु सब बात यू बोललि।
बुरै का बदला मा बुरै नि कैरा अर ना ही गळी का बदला मा गळी द्या, मगर इन्द्रया लोगु तैं बदला मा आसीस ही द्या, किलैकि पिता परमेस्वर न तुमतै यां खुणि ही बुलयूं च, ताकि तुम आसीस का वारिस बणि जा।